हेलो दोस्तों जब हम शेयर मार्किट की शुरुआत करते है तो सबसे पहला सवाल यह आता है कि इक्विटी क्या होती है ? आइए दोस्तों हम इसके बारे में जान लेते है दरसल इक्विटी को ही हम स्टॉक या शेयर कहते है।
EQUITY- इक्विटी मार्किट को हम कैश मार्किट भी कहते है या आसान भाषा में कहे तो किसी कंपनी के शेयर खरीदने को ही इक्विटी खरीदना कहते है शेयर मार्किट इक्विटी खरीदने की अनुमति देता है। जब लोग किसी कंपनी केकी इक्विटी खरीदते है तो दरसल उस कंपनी के शेयर खरीदते है जिससे उन्हें कंपनी के मुनाफे में भी थोड़ा हिस्सा मिलता है और शेयर खरीदने से अंशिक रूप से मालिक भी बन जाते है। कंपनी के किसी भी फैसले में हिस्सा ले सकते है और वोट कर सकते है।
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इक्विटी को शेयर धारक कभी भी किसी को भी ट्रांसफर कर सकता है वह इक्विटी को कितने भी समय तक अपने पास रख सकता है और कितने भी समय के बाद उसे बेच सकता है इक्विटी को हमे नगद ही खरीदना पड़ता है इसे हम उधार नहीं खरीद सकते है इसलिए इसे हम कैश मार्केट भी कहते है। इक्विटी को हम कभी भी खरीद सकते है ओर अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकते है।
नोट - जब कंपनी को पैसो की जरूरत होती है तो वह इक्विटी जारी कर पैसो की कमी को पूरा करती है।
शेयर धारक क्या होता है ?-
जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी की इक्विटी खरीदता है तो उसे उस कंपनी के मुनाफे में हिस्सा लेने का अधिकार होता है। और वह उस कंपनी का शेयर धारक बन जाता है उसके पास कंपनी के बोर्ड को चुनने का अधिकार होता है उसे बोर्ड मेंबर चुनने का भी अधिकार होता है वह कभी भी अपना हिस्सा किसी को भी बेंच सकता है। वह कंपनी की हर साल होनी वाली वार्षिक मीटिंग में भाग ले सकता है और अपना पक्ष रख सकता है।
शेयर खरीदने की शरुआत कैसे करते है ?-
सबसे पहले हमे एक डीमैट एवं ट्रेडिंग खाता खुलवाना होता है फिर जाकर हम शेयर खरीद एवं बेच सकते है खरीदने या बेचने से पहले हम यह जान लेते है कि इक्विटी क्या होती है ? इससे हमे क्या लाभ होता है ? व्यकित बचत करने के कई रास्तो का प्रयोग करते है जैसे बैंक एफ डी ,गोल्ड में निवेश, बीमा ,बॉन्ड में निवेश ,सरकरी योजना में निवेश करते है उसी तरह इक्विटी भी बचत करने का एक रास्ता है जोकि थोड़ा जोखिम भरा होता है लेकिन अगर व्यकित सोच समझ कर निवेश करे तो यह उन सभी रास्तो से अच्छा रास्ता है क्योकि यह ऊपर दिए उन सभी रास्तो से ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका देता है क्योकि ऊपर दिए गए सभी रास्तो में मुनाफा कमाने की एक लिमिट होती है लेकिन इक्विटी में मुनाफा कमाने की लिमिट नहीं होती है। आप एक लंबे समय के निवेश से अच्छा मुनाफा कमा सकते है जो अपने कभी भी सोचा ना हो इसलिए इसमें थोड़ा रिस्क होता है। रिस्क तो हर जगह होता है इक्विटी मार्किट में कई तरह से मुनाफा होता है डिविडेंड के रूप में ,बोनस के रूप में ,स्टॉक की कीमत बढ़ने पर ,स्पेशल डिविडेंड के रूप में आदि।
डिविडेंड -कंपनी समय समय पर अपने मुनाफे में से कुछ हिस्सा शेयर धारको को देती है उसे हम डिविडेंड कहते है।
बोनस - अगर कंपनी का मुनाफा साल दर साल अच्छा होता है तो वह मुनाफे का कुछ हिस्सा देती है जिसे हम बोनस शेयर कहते है।
नोट -- जब निवेशक का भरोसा कंपनी में बढ़ जाता है तो वह उसमे ओर निवेश करने लगता है जिससे कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ने लगती है।
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